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रायपुर - लालफीताशाही और घूसखोरी ने दी मौत की सौगात, आत्मदाह करने वाले यूथ कांग्रेसी नेता की मौत

रायपुर 29 अक्टूबर 2015 (जावेद अख्तर). एसडीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह करने वाले बिल्‍हा में यूथ कांग्रेस के नेता राजेंद्र तिवारी की मौत हो गई है। कल बिलासपुर के बिल्हा एसडीएम कार्यालय के सामने कांग्रेसी नेता राजेंद्र तिवारी ने आत्मदाह करने का प्रयास किया गया जिसमें वह 80 फीसदी जल गए थे, जिन्हें आनन फानन में उसे बिलासपुर सीआईएमएस हॉस्‍पीटल और बाद में रायपुर के ट्रॉमा सेंटर कालडा हास्पिटल में भर्ती किया गया था।
 चिकित्सकों का कहना था कि तिवारी 80 फीसदी से अधिक जल गये थे और उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया था तथा लगातार इलाज किया जा रहा था मगर अधिक जल जाने के कारण बचाया नहीं जा सका। मौत की सूचना मिलते ही कांग्रेस विधायक अमित जोगी कालडा हास्पिटल पहुंचे। जहां पर कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री, भाजपा सरकार और एसडीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अस्पताल के बाहर आते ही अमित जोगी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि जब तक एसडीएम की गिरफ़्तारी नहीं होगी तब तक मृतक का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा। इसके लिए कल सुबह से रायपुर बिलासपुर मुख्य सड़क मार्ग पर लाश रखकर चक्का जाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कल सुबह से इस हाइवे पर एक भी गाड़ी नहीं चलने दिया जाएगा। जब तक सरकार गिरफ्तारी नहीं कराती है तब तक कोई समझौता नहीं किया जाएगा। गौरतलब रहे कि राजेंद्र तिवारी ने एसडीएम अर्जुन सिंह सिसोदिया ने उनसे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से रंगदारी मांगने का आरोप लगाया, साथ ही उन्‍होंने एसडीएम पर उत्‍पीड़न करने का आरोप भी मढ़ा। सूत्रों का कहना है कि यूथ कांग्रेस लीडर राजेंद्र तिवारी के खिलाफ आईपीसी धारा-107 और 16 के तहत मामले दर्ज किए गए थे। मामले को रफा-दफा करने के लिए 30 हजार रुपए रिश्‍वत दी गई थी। इसमें 20 हजार रुपए रिश्‍वत एसडीएम को दे दी गई थी। हालांकि, वह जमानत देने के बदले सौदा की पूरी रकम चाहता था। तिवारी का कहना था कि एसडीएम ने जमानत देने के बदले उनसे रिश्‍वत मांगी। ऐसे में मानसिक रूप से परेशान होकर वह आत्‍मदाह जैसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ा। तो वहीं बिल्हा के विधायक सियाराम कौशिक ने आरोप लगाया है कि एक कानूनी मामले में एसडीएम राजेंद्र तिवारी को प्रताड़ित कर रहे थे। विधायक का कहना है कि पीड़ित राजेंद्र तिवारी एसडीएम के समक्ष जमानत के लिये गया था। लेकिन एसडीएम ने 50 हज़ार रुपये की कथित रिश्वत की मांग की। जिसके बाद राजेंद्र तिवारी को आत्मदाह के लिये मजबूर होना पड़ा। हालांकि एसडीएम ने इस तरह के सारे आरोपों से इंकार किया है। उनका कहना है कि उन्हें इस तरह की किसी बात की जानकारी नहीं है। देर शाम एसडीएम अर्कोजुन सिंह सिसोदिया को उनके पद से हटा दिया गया था तथा उनके स्थान पर एसपी वैद्य को चार्ज दिया गया है। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार प्रदेशवासियों के साथ छल कपट करने बाज नहीं आ रही है और लगातार छत्तीसगढ़ियों का शोषण किया जा रहा है। राज्य की भाजपा सरकार के शासनकाल के दौरान भ्रष्टाचार शीर्ष क्रम पर पहुंच चुका है जिसका स्पष्ट प्रमाण यूथ कांग्रेसी लीडर राजेंद्र तिवारी है, जिसे एसडीएम के द्वारा इतना अधिक शोषित किया गया कि उसने आत्मदाह जैसा घातक कदम उठाने पर विवश हो गया।

कांग्रेसियों ने कहा कि प्रदेश की स्थिति देखकर यहां पर राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए क्योंकि स्थिति इतनी अधिक चिंताजनक बन चुकी है कि संभवतः आम जनता को अब न्याय के लिए बंदूक का सहारा तक लेना पड़ सकता है। शासन पूरी तरह बेलगाम व भ्रष्टाचार करने पर उतारू है और प्रशासन इनकी सुरक्षा के लिए तैनात है। अगर यही स्थिति रही तो जल्द ही कुछ ऐसा होगा जिसे भुलाने में सदियाँ लग जाएगी। इतना सब कुछ होने के बावजूद भी राज्य की सरकार एसडीएम को ही बचाने का प्रयास कर रही है। इसी से समझा जा सकता है कि अधिकारियों को सरकार की ओर पूरा समर्थन हासिल है, इसलिए उच्चाधिकारियों व अधिकारियों को किसी भी बात का रत्ती भर भी भय नहीं है। खुलेआम घूस मांगी जा रही है और न देने पर इस कदर प्रताड़ित किया जा रहा है कि लोग खुद को आग लगा ले रहे हैं, लोगों को शासन प्रशासन से कोई आशा ही बाकी नहीं रही है।
विधायक अमित जोगी के नेतृत्व में जबरदस्त आंदोलन को देखते हुए राज्य शासन ने कार्रवाई की
बिल्हा के एसडीएम द्वारा प्रताड़ित किए जाने से यूथ कांग्रेसी नेता राजेंद्र तिवारी ने एसडीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लिया था जिसमें उसकी मौत हो गई थी। मौत होने के बाद विधायक अमित जोगी ने ऐलान किया था कि जब तक एसडीएम पर कार्रवाई नहीं की जाएगी तब तक लाश का दाह संस्कार नहीं किया जाएगा। इसी के चलते आज सुबह से रायपुर बिलासपुर मुख्य सड़क मार्ग पर चक्का जाम कर दिया गया और भारी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता व समर्थकों की भीड़ ने जमकर नारे लगाए कि "बदलो वरना बदल डालेंगे" यह नारा काफी प्रभावी दिखाई दिया, इसी को देखकर ही राज्य शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसडीएम को निलंबित कर दिया। आज के विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम करने से राज्य सरकार ने एसडीएम अर्जुन सिंह सिसोदिया को निलंबित कर दिया है और कारवाई करने के आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। विवेचना के बाद मामला पंजीबद्ध किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा निलंबित करने तथा कार्रवाई के आश्वासन के बाद आंदोलन रोका गया और चक्का जाम हटाया गया।

यह एक प्रकार से कांग्रेस की बड़ी जीत मानी जा सकती है क्योंकि राज्य शासन के निरंकुशता व हठधर्मिता से पूरे राज्य के प्रदेशवासी कलप रहें हैं, जिसके चलते आज कांग्रेस के आंदोलन में कांग्रेसी कार्यकर्ता व समर्थकों के अलावा हजारों की तादाद में ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। धीरे धीरे संख्या बढ़ती ही जा रही थी इसी से डर कर शायद राज्य सरकार ने तुरंत फैसला कांग्रेस के पक्ष में लिया, अगर जल्द ही फैसला नहीं लिया गया होता तो संभवतः स्थिति इतनी अधिक बिगड़ जाती कि राज्य सरकार के नियंत्रण से बाहर निकल जाती। इसका खामियाजा राज्य सरकार को बहुत बड़ा चुकाना पड़ता इसी बात को ही ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने निर्णय लेते हुए एसडीएम को निलंबित कर दिया।