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Kanpur - प्रेस क्‍लब में कैस्‍को का छापा, महिला कर्मचारी से की अभद्रता, पत्रकार को पीटा

कानपुर 3 सितम्‍बर 2015 (योगेन्‍द्र अग्निहोत्री). कानपुर में पत्रकारों के खिलाफ सरकारी दमनचक्र जारी है अबकी बार बिजली विभाग की आड़ में मीडिया को दबाव में लेने का प्रयास किया गया। कानपुर प्रेस क्लब में कैस्‍को की टीम ने आज छापा मारा और जांच के नाम पर क्‍लब की महिला कर्मचारी से अभद्रता की ।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार आज सुबह मारे गये इस छापे के पीछे कुछ अराजक तत्‍वों का हाथ है। इस छापे के दौरान महिला कर्मचारी से की गयी अभद्रता का विरोध करने पर केस्‍को कर्मियों ने पत्रकार शहनवाज के साथ मारपीट भी की। पूरे मामले की सूचना पत्रकारों द्वारा कैस्‍को एमडी को देने पर भी कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं की गयी। कानपुर प्रेस क्‍लब के महामंत्री अवनीश दीक्षित ने खुलासा टीवी को बताया कि मीडिया को धमकाने वाली इस तरह की कार्यवाही निन्‍दनीय है और आगामी 11 तारीख को मुख्‍यमंत्री के कानपुर आगमन पर उनसे कैस्‍को एमडी और उनकी टीम की शिकायत की जायेगी और आज ही प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल को भी मामले की लिखित सूचना दी जायेगी। 
 
आल मीडिया एण्‍ड जर्नलिस्‍ट एसोसिएशन के अध्‍यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि आगामी 6 सितम्‍बर को फूलबाग गांधी प्रतिमा पर दिये जाने वाले धरने में इस घटना को भी प्रमुखता से उठाया जायेगा। आल इण्डिया रिपोर्टर्स एसोसिएशन के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता तारिक आजमी ने कहा कि यह घटना पत्रकारों को दबाव में लेने की साजिश का हिस्‍सा है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्‍त नहीं किया जायेगा। वे स्‍वयं प्रमुख सचिव उर्जा से मिल कर उनको मामले से अवगत करायेंगे। 

बताते चलें कि कानपुर प्रेस क्लब का गौरवशाली इतिहास  रहा है। वर्ष 1963 में इसका गठन किया गया था और तब से लेकर आज तक प्रेस क्‍लब पत्रकारों के हितों के लिये  सदैव प्रयत्‍नशील रहा है। पर बीते कुछ दिनों से कानपुर के पत्रकारों का समय खराब चल रहा है। अभी चार दिन पहले ही एक दरोगा ने  आज तक के पत्रकार रंजय सिंह पर पिस्टल तान दी थी। इतना ही नहीं कई मौकों पर प्रशासन द्वारा अपनी जान बचाने के लिये पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें भी लिखे गये हैं। यहां ये उल्‍लेखनीय है कि कानपुर प्रेस क्‍लब के ठीक बगल में सपा ग्रामीण कार्यालय है जिसका 1 लाख 32 हजार का बिजली बिल बकाया है। यहां मीटर नीरज गुप्ता के नाम लगा है पर सत्‍ता की हनक है, कि इस ओर कैस्‍को का ध्‍यान नहीं जाता है।