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छत्तीसगढ़ - राज्य सरकार ने ICE की डिग्री को अमान्य किया, सैकड़ों डिग्रीधारियों का भविष्य अधर में लटका

छत्तीसगढ़ 21 सितम्‍बर 2015 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ सरकार जो भी कर जाए वो कम है। जिस इंस्टीट्यूट की इंजीनियरिंग की डिग्री पर केंद्र सरकार के उपक्रमों रेलवे, ऑयल कंपनी, कोल कंपनी आदि में नौकरी दी जा रही है और आईआईटी व आईआईएम जैसे संस्‍थानों में एमटेक के लिए प्रवेश दिया जा रहा है, उसी डिग्री को छत्तीसगढ़ सरकार ने अमान्य करार दे दिया है। द इंस्टिट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स (आईसीई) लुधियाना, की बीई और बीटेक डिग्रीधारियों को राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में नौकरी के लायक नहीं मानती है।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार सरकार के इस फैसले से एएमआईसीई (एसोसिएट मेम्बरशिप ऑफ इंस्टिट्यूशंस ऑफ इंजीनियरिंग) के 400 से अधिक डिग्रीधारियों का भविष्य अधर में अटक गया है। राज्य सरकार के द्वारा दिए आदेश के कारण ही ग्रामीण यांत्रिकी विभाग ने हाल में 2 इंजीनियरों को नौकरी से भी निकाल दिया है। राज्य सरकार के इस निर्णय के बाद कई वर्षों से एएमआईसीई की डिग्री लेकर राज्य के विभिन्‍न शासकीय विभागों में नौकरी करने वाले राज्य कर्मचारियों को भी पदोन्नति से वंचित रखा जा रहा है। राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के शासकीय उच्चाधिकारियों में भी मतभेद हैं। क्योंकि खुद तकनीकी शिक्षा विभाग के आयुक्त-सह संचालक ने एएमआईसीई को दूरवर्ती पाठ्यक्रम बताते हुए डिग्री मान्य करने में उचित नहीं होगा, कहकर पत्र जारी किया है, जबकि इसी डिग्री को दूरस्थ शिक्षा परिषद ने दूरवर्ती होने से इंकार किया है।
     
केंद्र की नज़र में डिग्री वैध व मान्य
देश के सभी आईआईटी संस्थानों, आईआईएम संस्थानों, यूनिवर्सिटीज, यूपीएससी, गेट एवं कैट प्रवेश परीक्षा में एमटेक या अन्य मास्टर डिग्री के लिए एएमआईसीई डिग्री मान्य व वैध है और इसके अलावा केन्द्र शासन ने रेलवे, इंडियन आर्मी, इंडियन ऑयल कंपनी, कोल कंपनी आदि में एएमआईसीई डिग्रीधारी इंजीनियरियर्स की नौकरी के लिए डिग्री को मान्य व वैध माना गया है।
 
तकनीकी शिक्षा विभाग ने कहा - दूरवर्ती शिक्षा
राज्य तकनीकी शिक्षा विभाग ने आईसीई के एमबीए और एमसीए पाठ्यक्रम को छोड़कर बाकी एएमआईई के समकक्ष डिग्री एएमआईसीई (एसोसिएट मेम्बरशिप ऑफ इंस्टिट्यूशंस ऑफ इंजीनियरिंग) को दूरस्थ शिक्षा बताते हुए अमान्य कर दिया गया है। सोचने वाली बात ये है कि राज्य में आईसीई की ही डिग्री एएमआई को मान्यता दी जा रही है और वैध करार दिया है मगर एएमआईसीई को अमान्य किया जा रहा है। जबकि विशेषज्ञ दोनों ही डिग्री को समकक्ष बताते हैं। और विशेषज्ञों के अनुसार राज्य सरकार का यह तर्क व निर्णय तो पूरी तरह समझ से परे है। विशेषज्ञों ने बताया कि एएमआईसीई दूरवर्ती शिक्षा पद्धति में नहीं आता है इस सम्बन्‍ध में दूरस्थ शिक्षा परिषद ने भी 25 अप्रैल 2008 में पत्र के माध्यम से स्पष्ट किया है कि यह डिग्री दूरवर्ती शिक्षा पद्धति में नहीं आती है।

एएमआईसीई की डिग्री को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने 6 नवम्बर 2007 को अनुमोदित किया था। जिसे एआईसीटीई (ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन) से भी अनुमोदित कराए जाने का उल्लेख दिया गया है। एएमआईसीई और एएमआईई दोनों की समकक्ष डिग्री के रूप में मान्य किए गए हैं। दोनों डिग्री में ही छात्रों को एक ही तरह की पढ़ाई करनी होती है और परीक्षा पद्धति भी एकसमान ही है बावजूद इसके राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग आयुक्त-सह संचालक ने 11 जून 2015 को राज्य शासन को अभिमत देते हुए एएमआईसीई को दूरवर्ती करार दे दिया है। राज्य शासन ने दूरवर्ती संस्‍थानों से डिग्री हासिल करने वाले डिग्रीधारियों को नौकरी नहीं देने का नियम भी बना लिया है।

तकनीकी शिक्षा विभाग किसी भी डिग्री को मान्य या अमान्य नहीं करती है। एआईसीटीई से मान्य इंजीनियरिंग संस्‍थानों की डिग्री मान्य होती है। एएमआईसीई की डिग्री के बारे में भी एआईसीईटी से जानकारी ले लेंगे। एमटेक के लिए इस डिग्री को मान्य करते हैं। मामले को देख रहे हैं। राज्य सरकार केंद्र की संस्‍थाओं की डिग्रियों को अपनी शर्त के अनुसार मान्य या अमान्य करार दे सकती है। - प्रेमप्रकाश पाण्डेय, तकनीकी शिक्षामंत्री, छत्तीसगढ़

राज्य शासन का निर्देश है कि रेगुलर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले ही नौकरी के लिए पात्र होंगे, इसलिए एएमआईसीई की डिग्रीधारियों को नौकरी से निकाला गया है। - एसएन श्रीवास्तव, मुख्य अभियंता, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा

एएमआईसीई की डिग्री पूरी तरह से प्रोफेशनल कोर्स में आती है। यह कोई दूरवर्ती कोर्स नहीं है। इसके बारे में एमएचआरडी के संस्थानों ने भी पत्र जारी किए हैं। फिर भी राज्य सरकार डिग्री को अमान्य घोषित कर दे रही है। राज्य सरकार को अपने निर्णय पर पुनः से विचार करना चाहिए क्योंकि केन्द्र द्वारा डिग्री वैध व मान्य करार की गई है। - वी.जे. आनंद, छत्तीसगढ़ चेप्टर हेड, एएमआईसीई