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कानपुर - धूल, धुआं और धोखा ही पनकी की विरासत

कानपुर 11 सितम्बर 2015 (महेश प्रताप सिंह). पनकी योजना संख्‍या 40 के निवासियों की किस्‍मत में केडीए और नगर निगम ने मिल कर धूल, धुआं और धोखा लिख दिया है। पावर हाउस का धुंआ, टूटी सडकों से उडती धूल और जिला प्रशासन से मिला धोखा पनकी के निवासियों का नसीब बन चुका है। बुढवा मंगल आने को है और प्रशासन हमेशा की तरह कूडे से सडकों का पैच वर्क कराने को तैयार है जो 2 दिन में ही उखड़ जायेगा।
पनकी लोकनायक जनता बाजार के महामंत्री संजय सिंह ने खुलासा टीवी को बताया कि कल्यानपुर रेलवे क्रासिंग से पनकी मंदिर तक की सड़कें टूटी फूटी और जर्जर हो गई है। राहगीरों को चलने में बड़ी दिक्कत होती हैं। प्रशासन के द्वारा इन गढ्ढों में कूड़ा करकट डालकर सड़क की पैचिंग कर देते हैं। सड़क पर गाड़ियों के निकलने से धूल उड़ कर दुकानों में और लोगों की आखों में जाती है। महामंत्री संजय सिंह ने कहा कि यहां पर कूड़ा करकट से पैचिंग नहीं होनी चाहिए। अध्यक्ष अजय गुप्ता और कोषाध्यक्ष राज कुमार जैन ने बताया कि टूटी-फूटी सड़क होने के कारण आए दिन ऐक्सिडेंट होते रहते हैं। अभी कुछ दिन पहले जन्माष्टमी के दिन पनकी नहर पर मोटर साइकिल सवार गिर गया था। जिसमें सवार एक बच्चे की मौत हो गई थी। पनकी मंदिर से कल्यानपुर तक रोड इतनी खराब है कि आए दिन ऐक्सिडेंट की आशंका बनी रहती है। कई वर्षों से यहां पर सड़कों का निर्माण नहीं किया गया है। अभी बुढ़वा मंगल आ रहा है उस दिन मंदिर में इतनी भीड़ भाड़ होती हैं। उस पर भी प्रशासन खाली कूड़े से सड़कों की पैचिंग करा देता है। और कुछ दिन बाद फिर सड़कों में गढ्ढे हो जाते हैं।

स्‍थानीय वीपीआईसी स्‍कूल के 96 बैच के छात्र रहे एनसीआर में सैटल रीतेश मनचन्‍दा ने खुलासा टीवी को बताया कि वो अपने बचपन की यादें ताजा करने पनकी आये थे पर यहां की दुर्दशा देख कर उनका मन खिन्‍न हो गया। उन्‍होंने कहा कि यदि जिला प्रशासन थोडा सा ध्‍यान दे दे तो कभी भारत का मैनचेस्‍टर कहलाने वाले कानपुर में न साधनों की कमी है न प्रतिभाओं की। ये शहर अभी भी इतना दम रखता है कि जरा सा मौका मिलने पर फिर से विश्‍व स्‍तर पर अपना डंका बजवा सके। मगर अफसोस की बात है आजकल कानपुर को पूरा विश्‍व उसके बढते प्रदूषण की वजह से जानता है।