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RBI ने सरकार को दिया 66,000 करोड़ लाभांश

मुंबई 14 अगस्त 2015 (IMNB). रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गुरुवार को सरकार को करीब 66,000 करोड़ रुपये लाभांश के रूप में दिया। लाभांश कंपनी के लाभ का हिस्सा होता है जो वह अपने शेयर धारकों को देती है। आरबीआई ने सरकार को 80 साल में पहली बार इतना जबर्दस्त लाभांश दिया है जो पिछले साल की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा है। पिछले कई सालों की तुलना में इस बार आरबीआई ने सरकार को चार गुना ज्यादा लाभांश दिया है।

 इकॉनमिस्ट्स और बॉन्ड डीलर ने बताया कि इस भुगतान से सरकार को वित्तीय मामलों में मदद मिलेगी। सरकार इसकी मदद से अपने वित्तीय घाटे के लक्ष्य को पूरा कर सकती है और सिस्टम में लिक्विडिटी ला सकती है ताकि ब्याज दरों को कम किया जा सके। इसकी मदद से सरकारी खर्चों के लिए भी फंड उपलब्ध कराने में सरकार को मदद मिल सकती है। उनका कहना है कि केंद्रीय बैंक के कदम को मंद पड़ी इकॉनमी को रफ्तार देने की सरकार की पहल में सक्रिय रूप से सहयोग के सबूत के तौर पर भी देखा जा रहा है। 

केंद्र और राज्य सरकारों और देश के बैंकों का बैंकर होने की वजह से आरबीआई के पास आय के कई स्रोत हैं। इसकी कमाई के तीन मुख्य स्रोत हैं जिनमें से एक सरकारी सिक्यॉरिटीज की होल्डिंग पर इसको कूपन पेमेंट्स से होने वाली आय है। इसके अलावा बैंक जो आरबीआई से कर्ज लेते हैं, उससे आरबीआई को ब्याज के रूप में कमाई होती है और तीसरी कमाई कुछ अन्य स्वतंत्र बॉन्ड्स जैसे अमेरिकी ट्रेजरी बिल आदि की होल्डिंग से होने वाली कमाई है। हर साल अपने खर्च और कुल लाभ में से कुछ हिस्सा हटाकर आरबीआई रख लेती है। बाकी जो पैसा बचता है, उसको आरबीआई सरकारी खजाने में ट्रांसफर कर देती है।