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छत्तीसगढ़ - नक्सलियों ने घात लगाकर चली चाल, झीरम घाटी हुयी खून से लाल

रायपुर/छत्तीसगढ़ 23 अगस्‍त 2015 (जावेद अख्तर). छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्‍सलियों ने घात लगा कर एसटीएफ पर हमला किया, नक्सलियों से हुयी मुठभेड़ में एसटीएफ के सहायक प्लाटून कमांडर कृष्ण कुमार सिंह शहीद हो गए, वहीं आरक्षक संतोष सिंह सहित एक अन्य आरक्षक भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। जिन्हें तत्काल जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।

प्राप्‍त जानकारी के अनुसार 100 से अधिक नक्सलियों ने एक किलोमीटर लम्बा एंबुश लगाया हुआ था। नक्‍सलियों ने घटनास्‍थल के आस-पास आईईडी भी लगाए थे तथा घाट को बुरी तरह से  खोदकर तहस-नहस कर डाला है, जिससे एनएच 30 पर यातायात अवरूद्ध हो गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार देर रात बस्तर जिले के दरभा इलाके के टोटापारा में नक्‍सलियों ने घात लगा कर हमला किया। दरभा थाने से एसटीएफ आठवीं एवं नवीं बटालियन की सर्चिंग टीम झीरम घाटी की ओर से गश्त करके वापसी कर रही थी। थाने से दो किलोमीटर दूर बंजारिन मंदिर के पास पहले से पेड़ गिराकर मार्ग अवरुद्ध किया गया था। यहीं पर माओवादियों ने एम्बुश लगाया हुआ था और जवानों के आने का इंतजार कर रहे थे। 

जैसे ही जवान पेड़ को मार्ग से हटाने पहुंचे, माओवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। सर्चिंग टीम को कमाण्ड करते आगे चल रहे एपीसी केपी सिंह के सिर में गोली लग गई। इसके बाद जवानों ने भी जमकर फायरिंग की जो कि शनिवार अल-सुबह तक जारी रही। पुलिस के मुताबिक इस घटना के बाद से पुलिस ने इलाके में अपना ऑपरेशन तेज कर दिया है। कुछ जगहों में माओवादियों और पुलिस के बीच फायरिंग की भी खबरें हैं। मुठभेड़ में एसटीएफ के दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। उपचार के लिए उन्हें मेकाज में भर्ती कराया गया है। इधर मुठभेड़ में कुछ माओवादियों के घायल होने की खबर भी मिल रही है। हालांकि पुलिस ने मौके से किसी भी माओवादी को गिरफ्तार करने में सफलता हाथ नहीं लगी।

नक्सलियों की तादाद 100 से भी ज्यादा
पुलिस विभाग व सूत्रों के अनुसार, हमलावर नक्सलियों की संख्या 100 से भी ज्यादा थी और उन्होंने घाट के दोनों किनारों पर एक किलोमीटर लंबा एंबुश लगा रखा था। नक्सली पूर्व में किए गए लोमहर्षक कांड को अंजाम देने की फिराक में थे, किंतु एसटीएफ जवानों की सूझबूझ, अदम्य साहस एवं डटकर मुकाबले से, उनके नापाक मंसूबों को विफल कर दिया गया।

राष्ट्रीय राजमार्ग-30 अवरूद्ध, वाहनों का जमावड़ा
नक्सलियों ने वारदात को अंजाम देने से पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग 30 पर आधी रात को पेड़ गिराकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया था। बारूदी विस्फोट से सड़क को इस तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था कि तालाब जैसे हालात बन गए हैं।  इससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रह हो गयी है। सूचना मिलने तक मार्ग बहाल नहीं किया जा सका था। सड़क के दोनों ओर वाहनों का भारी जमावड़ा लगा हुआ है। वाहनों के जाम में फंसे यात्री परेशान हो गए हैं।
 
दंतेवाड़ा-सुकमा मार्ग भी हुआ जाम
इधर सुकमा-दंतेवाड़ा मार्ग पर भी माओवादियों ने बड़े-बड़े पेड़ गिराकर मार्ग अवरुद्ध कर दिया है। इससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों का जाम लगा हुआ है। मार्ग पर भूसारास घाटी के पास माओवादियों ने पेड़ गिराकर सड़क पर गड्ढे खोद दिए हैं।

पूर्व में दो मर्तबा रक्तरंजित हो चुका दरभा घाट
उल्लेखनीय है कि विगत 25 मई 2013 को नक्सलियों ने परिवर्तन यात्रा समाप्त कर सुकमा से लौट रहे कांग्रेसियों के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेताओं समेत 32 लोगों को मौत के घाट उतारकर देश में हलचल मचा दी थी। इसी प्रकार जीरम टू को अंजाम देते 11 मार्च 2014 को हुए सुकमा जिले के टाहकवाड़ा में घात लगाकर हमला किया था, जिसमें एक ग्रामीण सहित 16 जवानों की शहादत हुयी थी। हमले के बाद नक्सली जवानों के हथियार भी लूट ले गए थे।

मध्यप्रदेश के निवासी हैं शहीद केपी सिंह
शहीद एपीसी कृष्णपाल सिंह पिता मोहन सिंह राजावत निवासी ग्राम सगरा थाना नयागांव भिंड मध्यप्रदेश के निवासी हैं। उनके माता पिता इस समय बीरेंद्र नगर थाना सिटी कोतवाली में निवासरत हैं। पिता आर्मी से रिटायर्ड हैं, वे तीन भाइयों में ये सबसे बड़े थे। इनका छोटा भाई भी आर्मी में है और इस समय लेह में पदस्थ है।
  
सीमाएं सील, गश्त तेज
एक जवान की शहादत समेत अन्य एक जवान के घायल होने की पुष्टि करते हुए बस्तर एसपी अजय कुमार यादव ने बताया कि इलाके में गश्त सर्चिंग तेज कर, हमलावर नक्सलियों की तलाश में संदिग्ध ठिकानों की ओर पुलिस पार्टियां रवाना कर दी गयी हैं। उन्होंने बताया कि आसपास के इलाकों को स्पर्श करती हुयी उड़ीसा की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है।