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UP - AMJA की अपील पर प्रदेश सरकार ने पत्रकार हित के लिये उठाये कदम


कानपुर 21 अगस्‍त 2015. पत्रकारों के साथ हिंसा की वारदातों के खिलाफ आल मीडिया एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन की अपील पर मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने संज्ञान लेते हुये त्‍वरित कार्यवाही का आदेश दिया है। मुख्‍य मंत्री के आदेशानुसार उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिये हैं कि प्रेस प्रतिनिधियों को अराजक/आपराधिक तत्वों द्वारा परेशान किये जाने अथवा उनसे मारपीट किये जाने सम्बन्धित शिकायतों पर तत्काल उचित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर आरोपियों के विरुद्ध कठोरतम वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

बताते चलें कि आल मीडिया एंड जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्‍यक्ष श्री आलोक कुमार ने बीते दिनों मुख्‍यमंत्री को पत्र भेज कर पत्रकारों के साथ्‍ा सूबे में हो रही हिंसा की वारदातों के खिलाफ कार्यवाही किये जाने की मांग की थी। इसी पत्र पर मुख्‍यमंत्री ने कार्यवाही के आदेश जारी किये हैं। जिसके अनुपालन में  मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किये हैं कि ऐसे मामलों में कठोरतम वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये और पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्यवाही का पर्यवेक्षण जनपदीय पुलिस प्रभारी स्वयं अपने निर्देशन में करायें। साथ ही यदि किसी प्रकरण में यह पाया जायेगा कि पुलिस द्वारा नियमानुसार समुचित कार्यवाही नहीं की गयी, तो सम्बन्धित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध प्रतिकूल दृष्टिकोण अपनाते हुये अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। श्री रंजन ने यह भी निर्देश दिये हैं कि पत्रकारों और जिला प्रशासन के मध्य सम्बन्धों को और सौहार्दपूर्ण बनाने के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय स्थायी समिति की बैठकें नियमित रूप से आयोजित कराये जाने हेतु पूर्व में निर्गत आदेशों का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित कराया जाये। मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुपालन में प्रमुख सचिव गृह श्री देबाशीष पाण्डा ने समस्त जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों को पत्र निर्गत कर निर्देश दिये हैं कि मुख्य सचिव महोदय के आदेशों का अनुपालन प्रत्येक दशा में सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने निर्गत निर्देशों में कहा है कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ है तथा एक स्वस्थ लोकतंत्र में पत्रकारों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं से न केवल पीडि़त पक्ष में शासन-प्रशासन के प्रति रोष उत्पन्न होता है, अपितु आम नागरिक भी अपने को असुरक्षित महसूस करता है। समाज पर ऐसी घटनाओं का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनायें अत्यंत गंभीर हैं और शासन द्वारा इन्हें अत्यंत गंभीरता से लिया जा रहा है।