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प्रियंका गांधी ने RTI के तहत नहीं दी जमीन सौदे की जानकारी

नई दिल्ली 18 जुलाई 2015. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भले ही सूचना के अधिकार की प्रबल समर्थक हों और इसे यूपीए सरकार की बड़ी उपलब्धि मानती हों, लेकिन उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस अधिकार के तहत अपने जमीन सौदों की जानकारी देने से मना कर दिया है। हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में 6 जुलाई को दाखिल एक याचिका में प्रियंका गांधी ने राज्य सूचना आयोग के अपने जमीन सौदों का खुलासा करने वाले आदेश के खिलाफ अपील की थी।
प्रिंयका का कहना है कि शिमला के छरबाड़ा गांव में ली गई जमीन के बारे में आरटीआई से जानकारी मांगना अधिकारों का बदनीयती से इस्तेमाल करना है। प्रियंका ने कहा कि, 'अपीलकर्ता- देव आशीष भट्टाचार्य को अपीलीय अधिकारियों की ओर से की गई मदद और समर्थन बदनीयती का उदाहरण है। इसलिए संबंधित आदेश कानून के हिसाब से मानने योग्य नहीं है।' भट्टाचार्य ने आरटीआई के जरिए प्रियंका गांधी के छरबाड़ा में खरीदे गए दो प्लॉटों की फाइल नोटिंग, सेल डीड की कॉपी और खरीद में उन्हें दी गई छूट के बारे में जानकारी मांगी थी। 29 जून को राज्य सूचना आयोग की फुल बेंच ने अपीलकर्ता भट्टाचार्य के पक्ष में आदेश सुनाया था और 10 दिनों के भीतर 2007 और 2012 में खरीदे गए प्लॉट खरीद की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा था। भट्टाचार्य ने पत्रकारों को बताया कि, 'आयोग की रेवेन्यू डिपार्टमेंट को दी गई डेडलाइन 8 जुलाई को खत्म हो रही थी, लेकिन 7 जुलाई को दोपहर 3.30 बजे कोर्ट बंद होने से ठीक पहले एक स्पेशल बेंच ने इस पर स्टे ऑर्डर दे दिया। अब अगली सुनवाई 7 अगस्त को है।' प्रियंका गांधी ने अपनी अपील में कहा कि जमीन सौदों के खुलासे से कोई भी जनहित नहीं सधता है। उन्होंने आरटीआई ऐक्टिविस्ट के इरादों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा था कि भट्टाचार्य हिमाचली नहीं हैं, इसलिए उन्हें, जमीन सौदे में दी गई छूट के बारे में सवाल पूछने का कोई अधिकार नहीं है।

(IMNB)