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दूध सप्लाई और पुलिस की तरह शराब भी जरूरी - HC

चेन्नै 30 जुलाई 2015 (IMNB). मद्रास उच्च न्यायालय ने एक फैसले में माना कि तमिलनाडु की लगभग 30 फीसदी आबादी के लिए शराब एक जरूरत है। कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति कलाम के अंतिम संस्कार समारोह के दौरान राज्य सरकार द्वारा चलाए जाने वाली शराब की दुकानों को बंद करने की मांग खारिज कर दी। जस्टिस सी.एस.कारनन ने बुधवार को दिए गए अपने फैसले में कहा कि आग, पुलिस और दूध की आपूर्ति सेवाओं की ही तरह शराब भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि पांच सितारा होटलों में सुबह के 5 बजे से रात 11 बजे तक शराब परोसी जाती है। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि जब इन होटलों में लोग शराब पी सकते हैं, तो फिर आम जनता सरकारी शराब की दुकान से शराब खरीदकर क्यों नहीं पी सकती। जज ने यह टिप्पणी उस समय की जब ऐडवोकेट के.बालू ने अदालत का ध्यान इस ओर दिलाते हुए कहा कि गुरुवार को कलाम की अंत्येष्टि के कारण सरकारी शराब की दुकानों को बंद कर देना चाहिए। तमिलनाडु सरकार द्वारा गुरुवार को सभी सरकारी और निजी संयंत्रों में छुट्टी की घोषणा से संबंधित फैसले की ओर ध्यान दिलाते हुए ऐडवोकेट बालू ने कहा कि सरकारी शराब दुकानों में काम करने वाले 28,000 कर्मचारियों को भी इस मौके पर छुट्टी दी जानी चाहिए। इसके जवाब में सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने पहले ही रामनाथपुरम जिले की सरकारी शराब दुकानों में 29 और 30 जुलाई को छुट्टी की घोषणा कर दी है।

जस्टिस कारनन ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर डॉक्टर कलाम का बेहद सम्मान करते हैं, इसलिए वह उनकी अंत्येष्टि समारोह में भी शामिल होंगे। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अदालत इस तरह संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों का पक्ष सुने बिना सरकार को इस तरह दुकान बंद करने का निर्देश नहीं दे सकती। जस्टिस कारनन ने इस बात का संज्ञान लेते हुए कि सरकार दिवाली और पोंगल पर भी छुट्टी की घोषणा करती है, कहा कि लोग शराब पीकर त्यौहार मनाते हैं। उन्होंने कहा कि वह विज्ञान के छात्र रहे हैं और इसलिए वह शराब से होनेवाले नुकसान को अच्छी तरह जानते हैं। जस्टिस कारनन ने कहा कि शराब हालांकि दिमाग, लीवर और शरीर के अन्य भागों को प्रभावित करती है, लेकिन राज्य की नीतियों के विषय में इन बातों को नहीं जोड़ा जा सकता है। तमिलनाडु सरकार ने बुधवार शाम को एक आदेश जारी कर राज्य में सभी शराब की दुकानों और बार को गुरुवार को बंद करने का निर्देश दिया था। दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति कलाम के प्रति सम्मान जताने के लिए सरकार ने यह फैसला किया। आदेश में राज्य सरकार ने कहा कि कमिश्नर ऑफ प्रोहिबिशन ऐंड एक्साइज के अनुरोध के बाद यह फैसला लिया गया है।