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दाऊद की वापसी पर जेठमलानी से हो गई थी बात पर आडवाणी ने खेल कर दिया: छोटा शकील

नई दिल्ली 04 जुलाई 2015 दाऊद इब्राहिम के बाद डी-कंपनी में नंबर दो और उसका सबसे भरोसेमंद सहयोगी छोटा शकील अब भारत लौटना नहीं चाहता। शकील के अनुसार, 1993 के मुंबई बम ब्लास्ट के बाद देश वापस लौटने की उनकी पेशकश को भारत सरकार ने ठुकरा दिया था और अब वे खुद भारत लौटने से हिचक रहे हैं। शुक्रवार को कराची से छोटा शकील ने एक अखबार को खास बातचीत में बताया कि, 'जब हम 1993 के बाद वापस लौटना चाहते थे तो तुम लोगों ने, तुम्हारी सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी। भाई ने उस वक्त खुद राम जेठमलानी से बात की थी, वह भी लंदन में... बात हो गई थी... लेकिन तुम्हारी मिनिस्ट्री... और आडवाणी ने खेल कर दिया।'
शकील के दावे की पुष्टि राम जेठमलानी ने भी कर दी है। उन्होंने बताया कि 90 के दशक के आखिर में दाऊद ने उनसे लंदन में संपर्क किया था। उसने सरेंडर करने की पेशकश की थी लेकिन महाराष्ट्र में तत्कालीन शरद पावर ने इसे खारिज कर दिया था। जेठमलानी के मुताबिक दाऊद ने शर्त रखी थी कि पुलिस उसे टॉर्चर नहीं करेगी तो वह भारत आकर मुकदमे का सामना करेगा। शकील ने आईपीएल मैच फिक्सिंग, भारत में 'बिजनेस' करने की चाहत और छोटा राजन पर हाल ही में हुए हमले में हाथ होने समेत कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की। हालांकि छोटा शकील 16 सितंबर को दाऊद की हत्या की कोशिश से जुड़े सवाल पर भड़क जाता है। पिछले साल इस तारीख को शकील की बेटी जोया की शादी कराची में थी और दाऊद इसमें शरीक होने वाला था। भरोसेमंद सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली कि दाऊद की हत्या में दिलचस्पी रखने वाले लोगों ने इस भगोड़े डॉन के सुरक्षा घेरे को तोड़ने के करीब पहुंच गए थे। शकील नाराज लहजे में कहता है, 'आपको यह सब किसने बताया? मुझे इसके बारे में जानकारी नहीं है। सवाल वह करो, जिसका जवाब मैं दूं आपको। वह ना पूछे जिसका जवाब नहीं दूं। आज तक जितनी भी ऐसी इन्फॉर्मेशन आई है.. एजेंसियां जानती हैं, ख्याली पुलाव है, सपने देखते हैं। इनका सपना कभी पूरा नहीं होगा।'शकील ने भारतीय एजेंसियों पर गैंग्स के बीच भेद-भाव करने का आरोप लगाते हुए पूछा कि क्यों सरकार ने कभी छोटा राजन को वापस लाने की बात नहीं की। वह पूछता है, 'जब एजेंसियां राजन के खिलाफ हमारी साजिश का पता लगा लेती हैं और जानती हैं कि वह कहां है तो वे उसे क्यों नहीं पकड़तीं? क्या उसने लोगों को नहीं मारा है? क्या वह अपराधी नहीं है? लाना है तो उसको लाओ ना।' शकील ने इस बात का भी मजाक उड़ाया कि भारतीय एजेंसियां बार-बार दाऊद को वापस लाकर कानून के कटघरे में लाने का दावा करती हैं। उसने कहा, 'जब भी कोई नई सरकार आती है, वह हमारे बारे में बयान देती है। उसको ले आएंगे, घुस के ले आएंगे... क्या हलवा है? बकरी का बच्चा समझ रखा है? लाना है तो राजन को लाओ ना?' शकील ने इस बात की पुष्टि की राजन गुट के एक बागी से मिली जानकारी के आधार पर ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल में उसे मारने के करीब पहुंच गया था। शकील ने बताया, 'वह चूहे की तरह भाग गया।' छोटा शकील का दावा है कि राजन गैंग के तीन लोगों ने अपनी वफादारियां बदली हैं क्यों कि उन्हें यह एहसास हो गया था कि वहां उनका ख्याल नहीं रखा जाएगा। शकील कहता है, 'मैंने डी-कंपनी के लोगों के हाथों मारे गए राजन गैंग के लोगों के परिवारों का भी ख्याल रखा है।' शकील का कहना है कि उसने पिछले 5-6 सालों में मुंबई में किसी को नहीं मारा है। वह कहता है, 'मैं बेगुनाहों को मारना नहीं चाहता। राजन ने UP से शूटर लाकर हमारे नाम पर लोगों की हत्या की। मैं अपना बिजनेस जारी रखना चाहता हूं। मैं पैसे लगाकर उसे वापस पाना चाहता हूं।' राजन के 'हिंदू डॉन' वाली इमेज पर शकील ने तल्ख लहजे में कहा, 'यह मीडिया का काम है। उसे आर्मी में ले लीजिए। अगर वह देशभक्त है तो उसे बॉर्डर पर भेज दीजिए। मुल्क के लिए काम करेगा। हिंदू डॉन का कॉन्सेप्ट आप लोगों का... मीडिया का है। राजन ने पैसे के लिए हिंदुओं को भी मारा है।'

(IMNB)