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स्टार्टअप्स और छोटी इंडस्ट्रीज के लिए 1300 एकड़ इंडस्ट्रियल लैंड देगी दिल्ली सरकार

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार अपनी इंडस्ट्रियल पॉलिसी के तहत युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन देना चाहती है। सरकार दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल ऐंड इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन (डीएसआईआईडीसी) के पास खाली पड़ी करीब 1,300 एकड़ जमीन स्टार्टअप्स और स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज को आवंटित करने पर विचार कर रही है।
स्किल डिवेलपमेंट और जॉब क्रिएशन का अपना लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार दिल्ली में अपनी तरह की पहली इनोवेटिव यूनिवर्सिटी खोलने की संभावना भी तलाश रही है। उसका लक्ष्य दिल्ली को नॉलेज हब के रूप में विकसित करना और राज्य की ग्रोथ रेट 20% तक ले जाना है। सीआईआई की दिल्ली स्टेट काउंसिल की सालाना बैठक का उद्घाटन करते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, '18 से 25 साल का वर्क फोर्स नई तकनीक के दम पर जोर लगा रहा है और अपने लिए स्पेस तलाश रहा है। दिल्ली सरकार युवकों के स्किल डिवेलपमेंट से लेकर उद्योग चलाने तक में प्रोत्साहन देना चाहती है। हम डीएसआईआईडीसी के पास खाली पड़ी करीब 1300 एकड़ जमीन स्टार्टअप और छोटी यूनिटों को देने पर विचार कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि सरकार अपने वादे के मुताबिक इनक्यूबेशन और स्किल डिवेलपमेंट सेंटर्स तो खोलेगी ही, लेकिन एक महत्वाकांक्षी योजना पर भी विचार हो रहा है। सिसोदिया ने बताया, 'दिल्ली में अपनी तरह की पहली इनोवेटिव यूनिवर्सिटी खोलने का प्लान है। यहां सिर्फ इनोवेशन और भावी जरूरतों वाले वोकेशनल कोर्सेज चलाए जाएंगे।' यह याद दिलाए जाने पर कि दिल्ली के बदहाल इंडस्ट्रियल इलाकों में कपैसिटी के 40% तक ही प्रॉडक्शन हो रहा है, सिसोदिया ने कहा, 'हम औद्योगिक इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारेंगे। अगर देश की इकनॉमिक ग्रोथ 7-8% रहने वाली है, तो हम दिल्ली की ग्रोथ रेट कम से कम 20% तक ले जाना चाहते हैं। उद्यमियों को भी सरकार को नए आइडिया देने चाहिए।' सिसोदिया ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर कड़े कदम उठाने का संकेत भी दिया। उन्होंने कहा, 'हेल्थ से हम समझौता नहीं कर सकते। हमें कुछ कड़े फैसले लेने होंगे, चाहे किसी को अच्छा लगे या बुरा।' सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में नई इंडस्ट्रीज की राह में सबसे बड़ा रोड़ा जमीन की किल्लत है। उन्होंने कहा कि जो भी जगह उपलब्ध है, उसे जल्द से जल्द डिवेलप किया जाएगा।

(IMNB)