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मोदी के दौरे से भारत-चीन में बढ़ेगा कारोबार

नई दिल्ली। प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देश एक ऐसा करार कर सकते हैं, जो संबंधों की राह में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस एग्रीमेंट का मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए भारतीय राज्यों और चीनी प्रांतों के बीच आपसी सहयोग के लिए एक प्लैटफॉर्म बनाना है।
भारत में चीन के राजदूत ली यूचेंग ने बताया कि  'दोनों देशों को उम्मीद है कि उनके बीच एक ऐसा प्लैटफॉर्म बनाने को लेकर सहमति बन सकती है, जिससे इंडियन स्टेट्स के चीफ मिनिस्टर्स और चाइनीज प्रोविंस के गवर्नर्स के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इस पर मई में पीएम मोदी की चीन यात्रा के दौरान मोहर लग सकती है।' यह दोनों देशों के बीच पहला ऐसा फ्रेमवर्क होगा, जैसा चीन ने अमेरिका और रूस के साथ बनाया हुआ है। ली ने कहा कि ऐसे प्लैटफॉर्म से दोनों देशों के स्टेट्स और प्रोविंस के बीच पार्टनरशिप और एक दूसरे को लेकर आपसी समझ बढ़ेगी। उन्होंने कहा, 'इंडियन स्टेट्स और चाइनीज प्रोविंस ग्रोथ इंजन हैं और इस प्लैटफॉर्म से दोनों देशों के बीच आपसी ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के साथ पब्लिक के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।' ली ने यह भी कहा कि ऐसे प्लैटफॉर्मस से अमेरिका और रूस के साथ बेहतर संबंध बनाने में मदद मिली है। इंडिया ने किसी भी देश के साथ ऐसा प्लैटफॉर्म नहीं बनाया है, लेकिन देश में कुछ ऐसे प्रभावशाली राज्य हैं जिन्होंने दूसरे देशों के स्टेट्स के साथ पार्टनरशिप की हुई है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री तो इन्वेस्टमेंट, टेक्नॉलाजी और मार्केट की तलाश में कई देशों का दौरा भी कर चुके हैं। ली ने संकेत दिया कि मोदी की पहली चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच सिस्टर सिटी को-ऑपरेशन की लिस्ट में आने वाले शहरों की संख्या बढ़ाने के लिए एक मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग यानी MOU पर भी दस्तखत हो सकते हैं। पिछले साल सितंबर में चीन के प्रेजिडेंट शी जिनपिंग की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपने यहां के एक-एक मेट्रोसिटी को सिस्टर सिटी बनाने के लिए करार किया था। सिस्टर सिटीज में इंडिया की तरफ से मुंबई और चीन की तरफ से शंघाई है। शी की यात्रा के दौरान गुजरात के अहमदाबाद शहर को चीन के लीडिंग कमर्शियल सेंटर गुआंगझू शहर की सिस्टर सिटी बनाने का भी करार हुआ था।

(IMNB)