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देश की सुरक्षा से जुड़ा पेट्रोगेट कांड, रक्षा मंत्रालय में भी हुई जासूसी

नई दिल्ली। पेट्रोगेट जासूसी कांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। जासूसी की कड़ी अब पेट्रोलियम मंत्रालय से रक्षा मंत्रालय तक पहुंच गई है। दिल्ली पुलिस ने इस केस में रक्षा मंत्रालय के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह मंत्रालय से कुछ अहम दस्तावेजों को चुराकर आगे मुहैया कराता था।
मामले में अब तक 14 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इस संवेदनशील मामले में पेट्रोलियम, कोयला एवं ऊर्जा के बाद रक्षा, चौथा मंत्रालय बन गया है, जहां से अहम दस्तावेजों को लीक किए जाने की बात सामने आई है। एक आला पुलिस अफसर ने बताया, ‘’गिरफ्तार शख्स का नाम विरेंद्र है, जो उत्तम नगर में रहता है। मामला देश की सुरक्षा से जुड़ता देख आरोपी कर्मी से छह घंटे तक पूछताछ की गई। विरेंद्र जासूसी कांड के कई आरोपियों के संपर्क में था। हमें शक है कि रक्षा मंत्रालय के और भी कर्मचारी इस जासूसी में शामिल हो सकते हैं। साजिश की आगे की कडि़यों के बारे में पता लगाया जा रहा है।‘’ इसी बीच पुलिस ने नोएडा आधारित इन्फ्रालाइन एनर्जी में कार्यरत 33 वर्षीय लोकश शर्मा को भी पेट्रोलियम, कोयला एवं ऊर्जा मंत्रालय से दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस को शक है कि लोकेश लीक दस्तावेजों को न केवल अपनी कंपनी, बल्कि अन्य आरोपी शांतनू सैकिया और प्रयास जैन को भी मुहैया कराता था, ताकि अधिक अनुचित मुनाफा कमा सके। सैकिया और जैन की गिरफ्तारी से ही इस मामले का खुलासा हुआ था। इससे पहले सोमवार को अपराध शाखा ने छह अन्य लोगों की गिरफ्तारी की थी, जिनमें दो आरोपियों को शास्त्री भवन ले जाकर पूछताछ की गई थी। वहीं, चार आरोपियों ने जांच एजेंसी पर आरोप लगाया है कि हिरासत में पूछताछ के दौरान उनसे सादे कागज पर हस्ताहक्षर कराए गए थे।

(IMNB)