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केजरीवाल सरकार ने अतिक्रमण हटाने पर लगाई रोक

नई दिल्ली. दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी की सरकार चुनावों में किए गए बड़े वादों को पूरा करने की दिशा में कदम उठाने लगी है। दिल्ली की विभिन्न स्लम बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों को बड़ी राहत देते हुए आम आदमी पार्टी सरकार ने अतिक्रमण हाटने पर रोक लगा दी। सोमवार को केजरीवाल कैबिनेट की हुई पहली बैठक में इस संबंध में बेहद अहम फैसला लिया गया।
वहीं, सीएम अरविंद केजरीवाल ने वित्त विभाग और बिजली विभाग को बिजली टैरिफ में 50 फीसदी की कटौती करने के प्रस्तावों को तुरंत भेजने का निर्देश दिया। अगर ये प्रस्ताव पारित हो जाते हैं तो यह आप सरकार की ओर से दिल्ली वासियों को बड़ा तोहफा होगा। इधर, महिला सुरक्षा को लेकर किए गए चुनावी वादे पर आगे बढ़ते हुए केजरीवाल सरकार ने होम गार्ड्स के महानिदेशक एक पत्र लिखा है। पत्र के जरिए सरकार ने डीटीसी बसों में होम गार्ड्स को तैनात किए जाने का निर्देश दिया गया है। बहरहाल, रविवार को ही पूर्वी दिल्ली स्थित शाहदरा की स्लम बस्तियों को तोड़ने के खिलाफ लोगों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के सामने प्रदर्शन किया था। खबरों के मुताबिक यहां की स्लम बस्तियों पर कार्रवाई तब शुरू हुई थी जब 14 फरवरी को अरविंद केजरीवाल राम लीला मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे। पुलिस ने इन स्लम बस्तियों को सरकारी जमीन पर होने का हवाला देकर कहा था कि उसे इन बस्तियों को तोड़ने का सरकारी आदेश मिला है। लेकिन, बाद में जब आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने सीएम अरविंद केजरीवाल से बात की तब तोड़फोड़ की कार्रवाई रोक दी गई। गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने झुग्गी वासियों से वादा किया था कि तब तक एक भी झुग्गी नहीं हटाई जाएगी जब तक वहां रह रहे लोगों के स्थाई निवास का इंतजाम नहीं कर दिया जाएगा। केजरीवाल ने कहा था कि किसी भी सरकार को एक भी परिवार को बेघर करने का अधिकार नहीं है। दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार बनने पर वह स्लमवासियों को स्थाई आवास मुहैया करवाए बिना एक भी झुग्गी नहीं तोड़ेगी। आम आदमी पार्टी को चुनावों में इसका भारी फायदा भी मिला था। पार्टी ने 70 विधासभा सीटों में 67 को अपने नाम कर लिया। दरअसल, आम आदमी पार्टी द्वारा चुनावों में बड़े-बड़े वादे किए जाने बाद अब सरकार गठन हो जाने से केजरीवाल सरकार पर इन वादों को पूरा करने का दबाव बन रहा है। वहीं, केजरीवाल ने भी शपथ लेने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मिलकर यह जता दिया था कि वह अपने वादों को पूरा करने की भरपूर कोशिश करेंगे।

(IMNB)