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अग्रिम जमानत याचिका खारिज, अरेस्ट हो सकती हैं तीस्ता सीतलवाड़

अहमदाबाद। गुलबर्ग सोसायटी फंड गबन मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने गुरुवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़, उनके पति जावेद आनंद और अन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट के इस कदम के बाद पुलिस सीतलवाड़ और उनके पति को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है ।
याचिकाकर्ताओं पर गुजरात दंगा पीड़ितों की मदद के लिए जमा हुए करीब डेढ़ करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। जस्टिस जे.बी. परदीवाला ने कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि इन लोगों ने ट्रस्ट के फंड का इस्तेमाल निजी कामों के लिए किया, इसलिए इन्हें अग्रिम जमानत का सुरक्षा कवच नहीं दिया जा सकता है। सीतलवाड़ को अब किसी भी वक्त गिरफ्तार किया जा सकता है। अहमदाबाद पुलिस ने उनकी खोज शुरू कर दी है और मुंबई क्राइम ब्रांच से उनकी लोकेशन जानने के लिए मदद भी मांगी है। सीतलवाड़ और उनके पति आनंद के अलावा गुजरात दंगे में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी के बेटे तनवीर जाफरी और गुलबर्ग सोसायटी के निवासी फिरोज गुलजार इस मामले में आरोपी हैं। कोर्ट के फैसले के बाद तीस्ता के वकील ने उनकी लोकेशन के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अब वह मुंबई के अपने घर में शायद ही मिलें। वह या तो शहर छोड़ चुकी होंगी या फिर छोड़ने वाली होंगी। इस मामले में गुजरात सरकार के विशेष वकील महेश जेठमलानी ने बताया, 'यह त्रासदी है कि जो शख्स दंगा पीड़ितों के लिए काम करने का दावा करता है, वही उनके लिए जमा किए गए फंड्स का इस्तेमाल कर लेता है।' उन्होंने कहा कि पुलिस उन्हें गुरुवार को ही खोज करके गिरफ्तार कर लेगी।

(IMNB)