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मोदी-ओबामा डील से खुलेगा अक्षय ऊर्जा में बड़े निवेश का द्वार

नई दिल्‍ली। पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा के संकल्प जताने के बाद उम्मीद की जा रही है कि रिन्यूअबल एनर्जी ( अक्षय ऊर्जा) प्रॉजेक्ट्स के लिए अमेरिकी कर्ज, ग्रीन बॉन्ड्स, वेंचर कैपिटल और पेंशन फंड्स से जुड़ी बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
रिन्यूअबल एनर्जी मिनिस्ट्री के अधिकारियों ने कहा कि ऐसी डील्स पर अगले महीने एक हाई-प्रोफाइल इवेंट में चर्चा होगी, जब मोदी अमेरिका, इंडिया, यूरोप और दूसरे देशों के जानेमाने ऐग्जिक्यूटिव्स, इंडस्ट्री लीडर्स, बैंकर्स, इन्वेस्टर्स और केंद्रीय बैंक के अधिकारियों को संबोधित करेंगे। सीनियर अमेरिकी ऑफिशल्स और फंडिंग एजेंसियों, मंत्रालयों और कंपनियों के ऐग्जिक्यूटिव्स की एक टीम फाइनैंस मिनिस्ट्री, आरबीआई और भारत की दूसरी एजेंसियों के अधिकारियों से चर्चा करेगी। भारत ने एक लाख मेगावॉट क्लीन एनर्जी उत्पादन का लक्ष्य तय किया है और इस बातचीत में देखा जाएगा कि यह टारगेट हासिल करने के लिए क्या किया जा सकता है। यह टारगेट पाने में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये की लागत आएगी। अधिकारियों ने बताया कि पावर, कोल और रिन्यूअबल एनर्जी मिनिस्टर पीयूष गोयल चाहते हैं कि रिन्यूअबल एनर्जी में नई कपैसिटी इनोवेटिव और सस्टेनेबल फंडिंग से तैयार की जाए, न कि सब्सिडी के जरिए। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'सब्सिडी मॉडल के दम पर कई दशकों में 30,000 मेगावॉट कपैसिटी तैयार की जा सकी है। हम इसे अब काफी बड़ा आकार देना चाहते हैं। यह सब्सिडी देने के परंपरागत मॉडल से मुमकिन नहीं है।' अडानी ग्रुप और न्यूयॉर्क में लिस्टेड सनएडिसन ने पहले ही 4 अरब डॉलर के निवेश से इंडिया का सबसे बड़ा सोलर इक्विपमेंट प्लांट बनाने का ऐलान कर दिया है। सोलर एनर्जी सेक्टर ने अब तक लो-कॉस्ट चाइनीज इक्विपमेंट्स को बड़े पैमाने पर आयात किया है। इस पर लोकल मैन्युफैक्चरर्स ने सवाल उठाए हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'इंडिया में ऐसा इन्वेस्टमेंट और होगा। सरकार कंपनियों को आकर्षित कर रही है। वह देश में बिजनेस करने की राह आसान करना चाहती है। रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर में भारत 100 पर्सेंट एफडीआई की इजाजत दे चुका है। देश के नियम टेक्नॉलॉजी ट्रांसफर की इजाजत भी देते हैं।' उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियां और अधिकारी रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर में भारतीय प्रॉजेक्ट्स की फंडिंग करने को उत्सुक हैं। अमेरिका अगले महीने होने वाली बिजनस मीटिंग्स के अलावा 'दोनों सरकारों के बीच' बातचीत की उम्मीद कर रहा है। अधिकारी ने कहा कि भारत ने बड़े अमेरिकी पेंशन फंड्स और वेंचर कैपिटलिस्ट्स से देश के रिन्यूअबल एनर्जी सेक्टर में पैसे लगाने का अनुरोध किया है। दिसंबर के अंत तक भारत की कुल 2,55,000 मेगावॉट की ऊर्जा उत्पादन क्षमता में से रिन्यूअबल एनर्जी का आंकड़ा 33,791 मेगावॉट का था। इसके अलावा, 1,123 मेगावॉट की रिन्यूअबल एनर्जी कपैसिटी ग्रिड के दायरे से बाहर है।